श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 8: श्री चैतन्य महाप्रभु तथा श्री रामानन्द राय के बीच वार्तालाप  »  श्लोक 138
 
 
श्लोक  2.8.138 
বৃন্দাবনে ‘অপ্রাকৃত নবীন মদন’
কাম-গাযত্রী কাম-বীজে যাঙ্র উপাসন
वृन्दावने ‘अप्राकृत नवीन मदन’ ।
काम - गायत्री काम - बीजे याँर उपासन ॥138॥
 
अनुवाद
वृन्दावन के आध्यात्मिक क्षेत्र में, कृष्ण चिरनवीन आध्यात्मिक कामदेव हैं। उनकी उपासना आध्यात्मिक बीज क्लीम् के साथ काम-गायत्री मन्त्र का उच्चारण करके की जाती है।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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