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श्लोक 2.5.38  |
শুনি’ সব গোষ্ঠী তার করে হাহা-কার
‘ঐছে বাত্ মুখে তুমি না আনিবে আর |
शुनि’ सब गोष्ठी तार करे हाहा - कार ।
‘ऐछे बात् मुखे तुमि ना आनिबे आर’ ॥38॥ |
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अनुवाद |
जब परिवार के लोग वृद्ध ब्राह्मण का किस्सा सुन चुके, तो वे निराशा प्रकट करते हुए चिल्लाने लगे। उन्होंने उससे अनुरोध किया कि वह दोबारा इस तरह का प्रस्ताव न रखे। |
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