श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 4: श्री माधवेन्द्र पुरी की भक्ति  »  श्लोक 152
 
 
श्लोक  2.4.152 
এক বিপ্র, এক সেবক, চন্দন বহিতে
পুরী-গোসাঞির সঙ্গে দিল সম্বল-সহিতে
एक विप्र, एक सेवक, चन्दन वहिते ।
पुरी - गोसाञि र सङ्गे दिल सम्बल - सहिते ॥152॥
 
अनुवाद
माधवेन्द्र पुरी को एक ब्राह्मण और एक सेवक केवल चन्दन को ले जाने के लिए दिया गया था। उन्हें आवश्यक यात्रा व्यय भी दिए गए थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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