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श्लोक 2.3.53  |
সঘৃত-পাযস নব-মৃত্-কুণ্ডিকা ভরিঞা
তিন পাত্রে ঘনাবর্ত-দুগ্ধ রাখেত ধরিঞা |
सघृत - पायस नव - मृत्कुण्डिका भरिञा ।
तिन पात्रे घनावर्त - दुग्ध राखेत धरिञा ॥53॥ |
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अनुवाद |
घी मिली खीर को विभिन्न सब्जियों के आसपास रखा गया था। इसे नए मिट्टी के बर्तनों में रखा गया था। अच्छी तरह से गाढ़े उबले दूध से भरे मिट्टी के बर्तन तीनों जगहों पर रखे गए थे। |
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