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श्लोक 2.3.195  |
মুঞি অধম তোমার না পাব দরশন
কেমতে ধরিব এই পাপিষ্ঠ জীবন |
मुञि अधम तोमार ना पाब दरशन ।
केमते धरिब एइ पापिष्ठ जीवन ॥195॥ |
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अनुवाद |
"चूँकि मैं सबसे निम्न कोटि का हूँ, इसलिए मैं आपका दर्शन नहीं पा सकूँगा। मैं कैसे अपने पापमय जीवन को जीवित रखूँ?" |
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