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श्लोक 338
श्लोक
2.24.338
পুরশ্চরণ-বিধি, কৃষ্ণ-প্রসাদ-ভোজন
অনিবেদিত-ত্যাগ, বৈষ্ণব-নিন্দাদি-বর্জন
पुरश्चरण - विधि, कृष्णप्रसाद - भोजन ।
अनिवेदित - त्याग, वैष्णव - निन्दादि - वर्जन ॥338॥
अनुवाद
“अन्य उल्लेखनीय बातें हैं – पुरश्चरण करने का तरीका, कृष्णप्रसाद लेना, अनिवेद्य भोजन का परित्याग करना और भगवान के भक्तों की निंदा न करना।”
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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