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श्लोक 316
श्लोक
2.24.316
তুমি — বক্তা ভাগবতের, তুমি জান অর্থ
তোমা বিনা অন্য জানিতে নাহিক সমর্থ”
तुमि - वक्ता भागवतेर, तुमि जान अर्थ ।
तोमा विना अन्य जानिते नाहिक समर्थ ॥316॥
अनुवाद
"हे प्रभु, आप भागवत के मूल वक्ता हैं। इसलिए आप ही इसके वास्तविक अर्थ को जानते हैं। आपके अलावा कोई भी श्रीमद्भागवत के गोपनीय अर्थ को नहीं समझ सकता।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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