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श्लोक 2.24.300  |
“অস্মিন্ বনে বৃক্ষাঃ ফলন্তি” যৈছে হয
তৈছে সব আত্মারাম কৃষ্ণে ভক্তি করয |
“अस्मिन्वने वृक्षाः फलन्ति” यैछे हय ।
तैछे सब आत्माराम कृष्णे भक्ति करय ॥300॥ |
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अनुवाद |
"आत्माराम मंत्र इस वाक्य के समान है, इस जंगल में अनेक विविधतापूर्ण वृक्ष फल देते हैं। सभी आत्माराम भगवान कृष्ण की भक्ति करते हैं।" |
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