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श्लोक 260
श्लोक
2.24.260
নদী-তীরে এক-খানি কুটীর করিযা
তার আগে এক-পিণ্ডি তুলসী রোপিযা
नदी - तीरे एक - खानि कुटीर करिया ।
तार आगे एक - पिण्डि तुलसी रोपिया ॥260॥
अनुवाद
"नारद मुनि ने कहा, ‘अपना घर छोड़कर नदी किनारे चलो। वहाँ छोटी झोपड़ी बनाओ, सामने बने चबूतरे में तुलसी लगाओ।’"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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