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श्लोक 239
श्लोक
2.24.239
নারদ কহে, — “পথ ভুলি’ আইলাঙ পুছিতে
মনে এক সṁশয হয, তাহা খণ্ডাইতে
नारद कहे , - “पथ भुलि’ आइलाङ पुछिते ।
मने एक संशय हय, ताहा खण्डाइ ते” ॥239॥
अनुवाद
“नारद मुनि ने उत्तर देते हुए कहा, ‘मैंने अपना रास्ता छोड़कर इसलिए तुम्हारे पास आने का फैसला किया है ताकि मैं अपने मन के एक शंका का समाधान कर सकूँ।”
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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