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श्लोक 2.24.116  |
ব্যাস-কৃপায শুকদেবের লীলাদি-স্মরণ
কৃষ্ণ-গুণাকৃষ্ট হঞা করেন ভজন |
व्यास - कृपाय शुकदेवेर लीलादि - स्मरण ।
कृष्ण - गुणाकृष्ट हञा करेन भजन ॥116॥ |
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अनुवाद |
श्रील व्यासदेव की कृपा से शुकदेव गोस्वामी भगवान् कृष्ण की लीलाओं से मोहित हो गये। इस प्रकार कृष्ण के दिव्य गुणों से आकर्षित होकर वे भी एक भक्त बन गये और उनकी सेवा में लग गये। |
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