"ईश्वरीय शक्ति का आध्यात्मिक रूप से प्रभावशाली सन्देश केवल भक्तों के समाज में ही उचित रूप से चर्चा का विषय बन सकता है, तथा भक्तों के संग में इसे सुनना अत्यंत प्रिय लगता है। यदि भक्तों से सुना जाए, तो दिव्य अनुभव का मार्ग तुरंत खुल जाता है और धीरे-धीरे दृढ़ श्रद्धा उत्पन्न होती है, जो कि समय के साथ आकर्षण और भक्ति में बदल जाती है।" |