श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 22: भक्ति की विधि  »  श्लोक 60
 
 
श्लोक  2.22.60 
এই আজ্ঞা-বলে ভক্তের ‘শ্রদ্ধা’ যদি হয
সর্ব-কর্ম ত্যাগ করি’ সে কৃষ্ণ ভজয
एइ आज्ञा - बले भक्तेर ‘श्रद्धा’ यदि हय ।
सर्व - कर्म त्याग क रि’ से कृष्ण भजय ॥60॥
 
अनुवाद
“यदि भक्त को इस आदेश की शक्ति में विश्वास है, तो वह अपने सभी अन्य कार्यों को त्यागकर भगवान कृष्ण की पूजा करता है।”
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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