অন্য-কামী যদি করে কৃষ্ণের ভজন
না মাগিতেহ কৃষ্ণ তারে দেন স্ব-চরণ
अन्य - कामी यदि करे कृष्णेर भजन ।
ना मागितेह कृष्ण तारे देन स्व - चरण ॥37॥
अनुवाद
"जो लोग भौतिक सुखों या परम सत्य में विलीन होने के इच्छुक हैं, यदि वे भगवान की दिव्य प्रेममय भक्ति में लीन हो जाते हैं, तो उन्हें तुरंत कृष्ण के चरणों में शरण मिल जाती है, भले ही उन्होंने इसके लिए प्रार्थना न की हो। इसलिए कृष्ण अत्यंत दयालु हैं।"