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श्लोक 2.22.23  |
দৈবী হ্য্ এষা গুণ-মযী
মম মাযা দুরত্যযা
মাম্ এব যে প্রপদ্যন্তে
মাযাম্ এতাṁ তরন্তি তে |
दैवी ह्येषा गुण - मयी मम माया दुरत्यया ।
मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ॥23॥ |
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अनुवाद |
“भौतिक प्रकृति के तीनों गुणों से युक्त मेरी यह दिव्य शक्ति पराक्रमी है। इसे पार करना कठिन है। किन्तु जो मेरे शरण में आ जाते हैं, वे इसे सहज ही पार कर लेते हैं।” |
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