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श्लोक 2.22.151  |
ইষ্টে ‘গাঢ-তৃষ্ণা’ — রাগের স্বরূপ-লক্ষণ
ইষ্টে ‘আবিষ্টতা’ — এই তটস্থ-লক্ষণ |
इष्टे ‘गाढ़ - तृष्णा’ - रागेर स्वरूप - लक्षण ।
इष्टे आविष्ट ता’ - एइ तटस्थ - लक्षण ॥151॥ |
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अनुवाद |
"रागात्मिका प्रेम की मुख्य विशेषता परम पुरुषोत्तम भगवान के प्रति गहरी लगन है। भगवान में तल्लीनता एक मामूली विशेषता है।" |
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