श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 22: भक्ति की विधि  »  श्लोक 148
 
 
श्लोक  2.22.148 
বৈধী-ভক্তি-সাধনের কহিলুঙ্ বিবরণ
রাগানুগা-ভক্তির লক্ষণ শুন, সনাতন
वैधी - भक्ति - साधनेर कहिलुँ विवरण ।
रागानुगा - भक्तिर लक्षण शुन, सनातन ॥148॥
 
अनुवाद
"हे सनातन, मैंने भक्ति की नियमावली के मुताबिक विस्तार से इसका वर्णन किया है। अब मुझसे स्वत:स्फूर्त रागानुगा भक्ति और उसके स्वरूप के बारे में सुनो।"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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