এতে ন হ্য্ অদ্ভুতা ব্যাধ
তবাহিṁসাদযো গুণাঃ
হরি-ভক্তৌ প্রবৃত্তা যে
ন তে স্যুঃ পর-তাপিনঃ
एते न ह्यद्धता व्याध तवाहिंसादयो गुणाः ।
हरि - भक्तौ प्रवृत्ता ये न ते स्युः पर - तापिनः ॥147॥
अनुवाद
"हे व्याध, अहिंसा जैसा सद्गुण जो तुमने अपनाया है, वह आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि जो भगवान की भक्ति में लीन होते हैं, वे कभी भी ईर्ष्यावश दूसरों को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहेंगे।"