श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 22: भक्ति की विधि  »  श्लोक 108
 
 
श्लोक  2.22.108 
এই ত সাধন-ভক্তি — দুই ত’ প্রকার
এক ‘বৈধী ভক্তি’, ‘রাগানুগা-ভক্তি’ আর
एइ त साधन - भक्ति - दुइ त’ प्रकार ।
एक ‘वैधी भ क्ति’, ‘रागानुगा - भक्ति’ आर ॥108॥
 
अनुवाद
वैधी और रागानुगा भक्ति, साधन भक्ति की दो विधियाँ हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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