श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 22: भक्ति की विधि  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  2.22.10 
সেই বিভিন্নাṁশ জীব — দুই ত’ প্রকার
এক — ‘নিত্য-মুক্ত’, এক — ‘নিত্য-সṁসার’
सेइ विभिन्नांश जीव - दुइ त’ प्रकार ।
एक - ’नित्य - मुक्त’, एक - ’नित्य - संसार’ ॥10॥
 
अनुवाद
"जीवों की दो श्रेणियाँ हैं। कुछ नित्यमुक्त हैं, और कुछ नित्यबद्ध हैं।"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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