श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 21: भगवान् श्रीकृष्ण का ऐश्वर्य तथा माधुर्य  »  श्लोक 91
 
 
श्लोक  2.21.91 
গোলোকাখ্য গোকুল, মথুরা, দ্বারাবতী
এই তিন লোকে কৃষ্ণের সহজে নিত্য-স্থিতি
गोलोकाख्य गोकुल, मथुरा, द्वारावती ।
एइ तिन लोके कृष्णेर सहजे नित्य - स्थिति ॥91॥
 
अनुवाद
“तीनों लोक हैं - गोकुल (गोलोक), मथुरा और द्वारका। कृष्ण सदा इन्हीं तीनों स्थानों में वास करते हैं।”
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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