श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 21: भगवान् श्रीकृष्ण का ऐश्वर्य तथा माधुर्य  »  श्लोक 77
 
 
श्लोक  2.21.77 
সম্প্রতি পৃথিবীতে যেবা হৈযাছিল ভার
অবতীর্ণ হঞা তাহা করিলা সṁহার’
सम्प्रति पृथिवीते येबा हैयाछिल भार ।
अवतीर्ण ह ञा ताहा करिला संहार’ ॥77॥
 
अनुवाद
“पृथ्वी पर जो कुछ भी बोझ था, उसे आप अपनी उस ग्रह पर उपस्थिति देकर दूर ले गए हैं।”
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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