|
|
|
श्लोक 2.20.94  |
প্রসন্ন হঞা প্রভু তাঙ্রে কৃপা কৈল
তাঙ্র কৃপায প্রশ্ন করিতে তাঙ্র শক্তি হৈল |
प्रसन्न ह ञा प्रभु ताँरे कृपा कैल ।
ताँर कृपाय प्रश्न करिते ताँर शक्ति हैल ॥94॥ |
|
अनुवाद |
प्रभु श्री चैतन्य महाप्रभु सनातन गोस्वामी से प्रसन्न थे और उन्होंने सनातन गोस्वामी को अपनी अहैतुकी कृपा प्रदान की। भगवान् की कृपा से सनातन गोस्वामी को उनसे प्रश्न करने की आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हुई। |
|
|
|
✨ ai-generated |
|
|