वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्री चैतन्य चरितामृत
»
लीला 2: मध्य लीला
»
अध्याय 20: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा सनातन गोस्वामी को परम सत्य के विज्ञान की शिक्षा
»
श्लोक 42
श्लोक
2.20.42
তেঙ্হো কহে, — “দিন-দুই রহ এই-স্থানে
ভদ্র হও, ছাড’ এই মলিন বসনে”
तेंहो कहे, - “दिन - दुइ रह एइ - स्थाने ।
भद्र हओ, छाड़’ एइ मलिन वस ने” ॥42॥
अनुवाद
तब श्रीकान्त ने सनातन गोस्वामी से कहा, "आप कम से कम दो दिन यहाँ रुकिए और सभ्य लोगों की तरह कपड़े पहनिए। इन गंदे कपड़ों को उतार दीजिए।"
✨ ai-generated
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2025 vedamrit. All Rights Reserved.