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श्लोक 2.20.337  |
দ্বাপরে ভগবান্ শ্যামঃ
পীত-বাসা নিজাযুধঃ
শ্রী-বত্সাদিভির্ অঙ্কৈশ্ চ
লক্ষণৈর্ উপলক্ষিতঃ |
द्वापरे भगवान्श्यामः पीत - वासा निजायुधः ।
श्री - वत्सादिभिरकैश्च लक्षणैरुपलक्षितः ॥337॥ |
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अनुवाद |
द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण श्याम वर्ण के होते हैं। वे पीले वस्त्र धारण करते हैं। वे अपने हथियार धारण करते हैं और कौस्तुभ मणि तथा श्रीवत्स चिह्न से सुशोभित रहते हैं। उनके लक्षणों का वर्णन इस रूप में किया जाता है। |
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