श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 20: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा सनातन गोस्वामी को परम सत्य के विज्ञान की शिक्षा  »  श्लोक 289
 
 
श्लोक  2.20.289 
‘বিষ্ণু’-রূপ হঞা করে জগত্ পালনে
গুণাতীত বিষ্ণু — স্পর্শ নাহি মাযা-সনে
‘विष्णु’ - रूप ह ञा करे जगत्पालने ।
गुणातीत विष्णु - स्पर्श नाहि माया - सने ॥289॥
 
अनुवाद
विष्णु रूप में पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान समस्त भौतिक संसार का पालन करते हैं। वे भौतिक गुणों से परे हैं, इसलिए भौतिक प्रकृति कभी भी उनका स्पर्श नहीं कर सकती।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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