श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 20: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा सनातन गोस्वामी को परम सत्य के विज्ञान की शिक्षा  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  2.20.25 
শুনি’ সনাতন তারে করিলা ভর্ত্সন
‘সঙ্গে কেনে আনিযাছ এই কাল-যম?’
शुनि’ सनातन तारे करिला भर्सन ।
‘सङ्गे केने आनियाछ एइ काल - यम?’ ॥25॥
 
अनुवाद
यह सुनकर, सनातन गोस्वामी ने अपने सेवक को डाँटा और कहा, "ये मृत्यु की घंटी तुम अपने साथ लेकर क्यों आये हो?"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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