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श्लोक 2.20.215  |
মথুরাতে কেশবের নিত্য সন্নিধান
নীলাচলে পুরুষোত্তম — ‘জগন্নাথ’ নাম |
मथुराते केशवेर नित्य सन्निधान ।
नीलाचले पुरुषोत्तम - ‘जगन्नाथ’ नाम ॥215॥ |
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अनुवाद |
भगवान् केशव हमेशा मथुरा में रहते है और भगवान् पुरुषोत्तम, जिन्हें जगन्नाथ भी कहा जाता है, हमेशा नीलाचल में रहते है। |
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