श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 20: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा सनातन गोस्वामी को परम सत्य के विज्ञान की शिक्षा  »  श्लोक 161
 
 
श्लोक  2.20.161 
পরমাত্মা যেঙ্হো, তেঙ্হো কৃষ্ণের এক অṁশ
আত্মার ‘আত্মা’ হয কৃষ্ণ সর্ব-অবতṁস
परमात्मा येंहो, तेंहो कृष्णेर एक अंश ।
आत्मार ‘आत्मा’ हय कृष्ण सर्व - अवतंस ॥161॥
 
अनुवाद
"परमात्मा, जो पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् का पूरा भाग है, वह सभी जीवित संस्थाओं की मूल आत्मा है। कृष्ण परमात्मा के आदि स्रोत हैं।"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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