"मैं आदि भगवान गोविन्द की पूजा करता हूँ, जो महान् शक्ति से सम्पन्न हैं। उनके दिव्य स्वरूप की देदीप्यमान कान्ति निर्विशेष ब्रह्म है, जो परम, पूर्ण तथा असीम है और जो करोड़ों ब्रह्माण्डों में असंख्य विविध लोकों को उनके विभिन्न ऐश्वर्यों समेत प्रदर्शित करता है।" |