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श्लोक 2.19.83  |
দেশ-পাত্র দেখি’ মহাপ্রভু ধৈর্য হ-ইল
আডাইলের ঘাটে নৌকা আসি’ উত্তরিল |
देश - पात्र दे खि’ महाप्रभु धैर्य हइल ।
आड़ाइलेर घाटे नौका आसि’ उत्तरिल ॥83॥ |
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अनुवाद |
परिस्थितियाँ देखकर, श्री चैतन्य महाप्रभु अंततः शांत हो गये, जिससे नाव आड़ाइल के किनारे पहुँचकर लग सकी। |
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