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श्लोक 2.19.61  |
সে-কালে বল্লভ-ভট্ট রহে আডাইল-গ্রামে
মহাপ্রভু আইলা শুনি’ আইল তাঙ্র স্থানে |
से - काले वल्लभ - भट्ट रहे आड़ाइल - ग्रामे ।
महाप्रभु आइला शुनि’ आइल ताँर स्थाने ॥61॥ |
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अनुवाद |
उस समय श्री वल्लभ भट्ट आड़ाइल ग्राम में रहते थे। जब उन्होंने सुना कि श्री चैतन्य महाप्रभु आये हैं, तो वे उनसे मिलने उनके स्थान पर गये। |
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