श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 19: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा श्रील रूप गोस्वामी को उपदेश  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  2.19.15 
অস্বাস্থ্যের ছদ্ম করি’ রহে নিজ-ঘরে
রাজ-কার্য ছাডিলা, না যায রাজ-দ্বারে
अस्वास्थ्येर छद्म करि’ रहे निज - घरे ।
राज - कार्य छाड़िला, ना याय राज - द्वारे ॥15॥
 
अनुवाद
बीमारी का बहाना लेकर सनातन गोस्वामी घर पर ही रहे। इस प्रकार उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और शाही दरबार नहीं गए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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