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श्लोक 2.19.108  |
দেখি’ বল্লভ-ভট্ট মনে চমত্কার হৈল
দুই পুত্র আনি’ প্রভুর চরণে পাডিল |
देखि’ वल्लभ - भट्ट मने चमत्कार हैल ।
दुइ पुत्र आनि’ प्रभुर चरणे पाड़िल ॥108॥ |
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अनुवाद |
श्री चैतन्य महाप्रभु और रघुपति उपाध्याय को नृत्य करते देखकर वल्लभ भट्टाचार्य विस्मित हो गए। उन्होंने अपने दोनों पुत्रों को आगे लाकर उन्हें भगवान के चरण-कमलों में झुका दिया। |
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