श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 93
 
 
श्लोक  2.18.93 
প্রভু দেখি’ করিল লোক চরণ বন্দন
প্রভু কহে, — কাহাঙ্ হৈতে করিলা আগমন?
प्रभु देखि’ करिल लोक चरण वन्दन ।
प्रभु कहे, - काहाँ हैते करिला आगमन ? ॥93॥
 
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु को देखकर, उन सभी लोगों ने उनके चरणों में अपना सम्मान प्रकट किया। तब महाप्रभु ने उनसे पूछा, "तुम लोग कहाँ से आ रहे हो?"
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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