श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  2.18.9 
যেই কুণ্ডে নিত্য কৃষ্ণ রাধিকার সঙ্গে
জলে জল-কেলি করে, তীরে রাস-রঙ্গে
येइ कुण्डे नित्य कृष्ण राधिकार सङ्गे ।
जले जल - केलि करे, तीरे रास - रङ्गे ॥9॥
 
अनुवाद
इस झील में भगवान कृष्ण और श्रीमती राधारानी नित्य रासनृत्य करते थे और जलविहार किया करते थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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