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श्लोक 82
श्लोक
2.18.82
হেন-কালে আইল বৈষ্ণব ‘কৃষ্ণদাস’ নাম
রাজপুত-জাতি, — গৃহস্থ, যমুনা-পারে গ্রাম
हेन - काले आइल वैष्णव ‘कृष्णदास’ नाम ।
राजपुत - जाति , - गृहस्थ, यमुना - पारे ग्राम ॥82॥
अनुवाद
इसी बीच कृष्णदास नाम का एक वैष्णव श्री चैतन्य महाप्रभु के दर्शन करने आया। वह गृहस्थ और क्षत्रिय जाति का था। उसका घर यमुना नदी के पार स्थित था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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