श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 76
 
 
श्लोक  2.18.76 
কৃষ্ণ-লীলা-কালের সেই বৃক্ষ পুরাতন
তার তলে পিঙ্ডি-বান্ধা পরম-চিক্কণ
कृष्ण - लीला - कालेर सेइ वृक्ष पुरातन ।
तार तले पिंड़ि - बान्धा परम - चिक्कण ॥76॥
 
अनुवाद
तेंतुलीतला नामक इमली का वृक्ष बहुत पुराना था। यह भगवान कृष्ण के लीलाओं के समय से ही वहाँ था। उस वृक्ष के नीचे एक चमकीला चबूतरा था।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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