श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 68
 
 
श्लोक  2.18.68 
যমলার্জুন-ভঙ্গাদি দেখিল সেই স্থল
প্রেমাবেশে প্রভুর মন হৈল টলমল
यमलार्जुन - भङ्गादि देखिल सेइ स्थल ।
प्रेमावेशे प्रभुर मन हैल टलमल ॥68॥
 
अनुवाद
श्री कृष्ण द्वारा तोड़े गए जुड़वा अर्जुन वृक्षों की उस जगह को देखकर श्री चैतन्य महाप्रभु प्रेम में डूब गए।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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