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श्लोक 2.18.63  |
সব দিন প্রেমাবেশে নৃত্য-গীত কৈলা
তাহাঙ্ হৈতে মহাপ্রভু ‘খদির-বন’ আইলা |
सब दिन प्रेमावेशे नृत्य - गीत कैला ।
ताहाँ हैते महाप्रभु ‘खदिर - वन’ आइला ॥63॥ |
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अनुवाद |
प्रत्येक दिन प्रभु प्रेम भाव से कीर्तन और नृत्य करते थे। अंत में वे खदिरवन गए। |
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