श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 61
 
 
श्लोक  2.18.61 
শুনি’ মহাপ্রভু মনে আনন্দ পাঞা
‘তিন’ মূর্তি দেখিলা সেই গোফা উঘাডিযা
शुनि’ महाप्रभु मने आनन्द पाञा ।
‘तिन’ मूर्ति देखिला सेइ गोफा उघाड़िया ॥61॥
 
अनुवाद
यह सुनकर श्री चैतन्य महाप्रभु बड़े प्रसन्न हुए। गुफा की खुदाई कराने से उन्हें तीनों मूर्तियाँ दिखाई दीं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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