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श्लोक 2.18.60  |
দুই-দিকে মাতা-পিতা পুষ্ট কলেবর
মধ্যে এক ‘শিশু’ হয ত্রিভঙ্গ-সুন্দর |
दुइ - दिके माता - पिता पुष्ट कलेवर ।
मध्ये एक शिशु’ हय त्रिभङ्ग - सुन्दर ॥60॥ |
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अनुवाद |
वहाँ माता-पिता सुंदर और सुडौल हैं और उनके बीच में एक बहुत ही सुंदर शिशु है, जिसकी कमर, घुटने और गले में तीन मोड़ हैं। |
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