श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 59
 
 
श्लोक  2.18.59 
কিছু দেব-মূর্তি হয পর্বত-উপরে?
লোক কহে, — মূর্তি হয গোফার ভিতরে
किछु देव - मूर्ति हय पर्वत - उपरे? ।
लोक कहे , - मूर्ति हय गोफार भितरे ॥59॥
 
अनुवाद
श्री चैतन्य महाप्रभु ने पूछा, "क्या इस पहाड़ी की चोटी पर कोई देवी-देवता हैं?" स्थानीय लोगों ने उत्तर दिया, "इस पहाड़ी पर देवी-देवता हैं, लेकिन वे एक गुफा के अंदर स्थित हैं।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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