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श्लोक 2.18.57  |
তাহাঙ্ লীলা-স্থলী দেখি’ গেলা ‘নন্দীশ্বর’
‘নন্দীশ্বর’ দেখি’ প্রেমে হ-ইলা বিহ্বল |
ताहाँ लीला - स्थली दे खि’ गेला ‘नन्दीश्व र’ ।
‘नन्दीश्व र’ देखि’ प्रेमे हइला विह्वल ॥57॥ |
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अनुवाद |
काम्यवन में कृष्ण की लीलाओं से जुड़े स्थानों के दर्शन करने के बाद, श्री चैतन्य महाप्रभु नंदिश्वर गए। वहाँ जाकर वे परमानंद से भर उठे। |
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