श्री चैतन्य चरितामृत  »  लीला 2: मध्य लीला  »  अध्याय 18: श्री चैतन्य महाप्रभु द्वारा वृन्दावन में भ्रमण  »  श्लोक 51
 
 
श्लोक  2.18.51 
শ্রী-উদ্ধব-দাস, আর মাধব — দুই-জন
শ্রী-গোপাল-দাস, আর দাস-নারাযণ
श्री - उद्धव - दास, आर माधव - दुइ - जन ।
श्री - गोपाल - दास, आर दास - नारायण ॥51॥
 
अनुवाद
श्री उद्धव दास, माधव, श्री गोपाल दास और नारायण दास भी उनके साथ थे।
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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