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श्लोक 2.18.48  |
তবে রূপ গোসাঞি সব নিজ-গণ লঞা
এক-মাস দরশন কৈলা মথুরায রহিযা |
तबे रूप गोसाञि सब निज - गण लञा ।
एक - मास दरशन कैला मथुराय रहिया ॥48॥ |
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अनुवाद |
श्रील रूप गोस्वामी और उनके साथी एक महीने तक मथुरा में रहे और वहाँ गोपाल जी की प्रतिमा के दर्शन किए। |
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