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श्लोक 2.18.41  |
গোপাল মন্দিরে গেলা, প্রভু রহিলা তলে
প্রভুর বাঞ্ছা পূর্ণ সব করিল গোপালে |
गोपाल मन्दिरे गेला, प्रभु रहिला तले ।
प्रभुर वाञ्छा पूर्ण सब करिल गोपाले ॥41॥ |
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अनुवाद |
तब गोपाल जी अपने मंदिर लौट गए और श्री चैतन्य महाप्रभु पर्वत की तलहटी पर ही रह गए। इस प्रकार श्री गोपाल जी ने श्री चैतन्य महाप्रभु की सभी इच्छाओं को पूरा किया। |
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