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श्लोक 2.18.38  |
বামস্ তামরসাক্ষস্য
ভুজ-দণ্ডঃ স পাতু বঃ
ক্রীডা-কন্দুকতাṁ যেন
নীতো গোবর্ধনো গিরিঃ |
वामस्ताम रसाक्षस्य भुज - दण्डः स पातु वः ।
क्रीड़ा - कन्दुकतां येन नीतो गोवर्धनो गिरिः ॥38॥ |
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अनुवाद |
श्री चैतन्य महाप्रभु ने कहा, " कमल- फूल की पंखुड़ियों समान सुंदर नैन वाले श्रीकृष्ण की बाईं भुजा सदैव आपकी सुरक्षा करे। उन्होंने इसी बाएँ हाथ से गोवर्धन पर्वत को ऐसे उठा लिया था मानो वो कोई खिलौना हो। " |
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