বিপ্র-গৃহে গোপালের নিভৃতে সেবন
গ্রাম উজাড হৈল, পলাইল সর্ব-জন
विप्र - गृहे गोपालेर निभृते सेवन ।
ग्राम उजाड़ हैल, पलाइल सर्व - जन ॥30॥
अनुवाद
अन्नकूट ग्राम में गोपाल का अर्चाविग्रह एक ब्राह्मण के घर में रखा गया था और उसकी पूजा छिपकर की जाती थी। गाँव के सभी लोग भाग गए थे, जिससे अन्नकूट ग्राम उजाड़ हो गया था।