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श्लोक 2.18.29  |
শুনিযা গ্রামের লোক চিন্তিত হ-ইল
প্রথমে গোপাল লঞা গাঙ্ঠুলি-গ্রামে খুইল |
शुनिया ग्रामेर लोक चिन्तित हुइल ।
प्रथमे गोपाल लञा गाँठुलि - ग्रामे खुइल ॥29॥ |
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अनुवाद |
यह सुनकर सभी ग्रामवासियों में चिंता की लहर दौड़ गई। सबसे पहले उन्होंने गोपाल को उठाकर गाँठुलि नाम के गाँव में ले गए। |
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